Fascination About hindi kahani
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हिंदी कहानियां प्रेरणादायक
उसकी गरज के उत्तर में कुए से दुगुनी गरज सुनाई दी, उस गूंज को दुसरे सिंह की गरज समझ कर उसी क्षण कुँए में कूद पड़ा और वही जल में डूबकर मर गया.
एक दिन सेठ ने उस लड़के से कहा- ऐ लड़के ध्यान से सुन या तो मुझे अपने उस रात के स्वप्न की बात बता दे अथवा मेरे यहाँ काम करना बंद कर दे.
महात्मा जी ने कहा हम लोग भूमि से पूछकर निर्णय करते हैं. यह कहकर उन्होंने अपने कान भूमि के साथ लगाया, मानों कुछ सुनने का प्रयत्न कर रहे हो.
यह क्रम कई दिन तक चलता रहा, अचानक जैसे ही उमा एक दिन खिड़की से डंडा निकालकर उस घौसले को गिरा रही थी,
राजा वह पत्थर देख बहुत प्रसन्न हुआ. उसने उस पत्थर से भगवान विष्णु की प्रतिमा का निर्माण कर उसे राज्य के मंदिर में स्थापित करने का निर्णय लिया और प्रतिमा निर्माण का कार्य राज्य के महामंत्री को सौंप दिया.
सारी स्थति स्पष्ट थी. प्रजापति ने कहा- देवता ही श्रेष्ट हैं जानते हो क्यों ?
तो उन्होंने बताया मै एक पंडित हु और ज्ञान सूत्र बेचता हु.
समदा रे कांठे ब्याई म्हारा बीर – टमरकटूँ
कुछ दिन बाद एक दिन प्रातकाल इस मंत्रीराजा ने दोनों राजाओं, जमीदार तथा सेठ सभी को अपने यहाँ आमंत्रित किया.
देखि सुदामा की दीन दशा करुना करिकै करुणानिधि रोए
विनम्र रहें और यह कभी न भूलें कि शरीर का आकार मायने नहीं रखता है, बल्कि आपकी अंदर की शक्ति ही जरुरत आने पर काम आती है।
हर समस्याएं अलग होती हैं और उनका समाधान भी अलग होता है। किसी भी मुसीबत का सामना करने के लिए अपनी बुद्धि का इस्तेमाल सही तरीके से करना चाहिए।
बहुत निहोरे किये तब भी वह न माना. कुछ देर बाद सामने के एक बिल से उन्दरा निकला. कुरज ने अपनी विवशता के मारे छटपटाते हुए, करुण स्वर में विनती की.
राजा ने तुरंत उसे मुक्त कर दिया. इसके बाद पड़ोसी राजा ने अपनी कन्या के साथ उसका विवाह कर दिया.